कृष्ण सा प्रेमी नहीं, धरती ने उपजा
कृष्ण सा माधुर्य न, सृष्टि में बरसा
कृष्ण सृष्टि के प्रणेता , प्रेमियों के प्राण...
देह छोडी, बसे ह्रदय में, देने सब को त्राण..!
कृष्ण सा माधुर्य न, सृष्टि में बरसा
कृष्ण सृष्टि के प्रणेता , प्रेमियों के प्राण...
देह छोडी, बसे ह्रदय में, देने सब को त्राण..!
