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Wednesday, 31 July 2013

प्रेमियों के प्राण...

कृष्ण सा प्रेमी नहीं, धरती ने उपजा

                कृष्ण सा माधुर्य न, सृष्टि में बरसा

कृष्ण सृष्टि के प्रणेता , प्रेमियों के प्राण...

                    देह छोडी, बसे ह्रदय में, देने सब को त्राण..!