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Saturday, 3 August 2013

माधव मेरे !

22 July 2013 at 14:03
मुक्त करो, जग की कारा से, माधव मेरे !

जनम जनम तक भटके, अटके, धोखे खाते !

रह जाते हर  बार अधूरे ,फिर पछताते !

नैन मूंद बस ध्यायूं तुमको केशव मेरे !

पिता तुम्ही,माता  मेरी,गुरु के गुरु मेरे !

करो अनुग्रह अब तो, कृपा मेघ बन जाओ !
एक करो अपने से मुझ को न तरसाओ !

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