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Monday, 24 February 2014

राग ..

राधा मेरी रागिनी ..मैं हूँ उसका राग ..
हम दोनों है एक  ज्यूँ काष्ठ में आग ..

1 comment:

  1. हूँ अजन्मा आत्ममय.....सर्वात्मा. और. सर्वरूप
    खुद ही खुद को खोजता हर रूप मे रहकर अरूप

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