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Thursday, 29 November 2012

  राधा का प्रासाद है निखिल विश्व मई सृष्टि,
उनकी करूणा  मात्र से मिलती  दिव्य दृष्टि !












देह राधा है ..हैं माधव आत्मा
सृष्टि उनकी हैं अनोखी कामना..

संत कृपा

प्रेम  प्रसादी संत की जीवन की   उपलब्धि ..
बरसे सब पर अनुग्रह व्यर्थ न जाए अवधि ....

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